रेवाड़ी : सुनील चौहान। बिजली निगम कर्मचारियो की ओर से लापरवाही किस कदर की जा रही है, इसका उदाहरण बुधवार को उस समय सामने आया, जब निगम के कार्यालय के सामने ही एक बिजली कर्मचारी को बिना सुरक्षा उपकरण के खंभे पर चढ़ा दिया गया। खंभे पर चढ़े बिजली कर्मचारी का लाइन ठीक करते समय अचानक पैर फिसल गया, जिसके बाद पैरों से तार को जकड़कर वह दस मिनट तक हवा में झूलता रहा। कर्मचारी जमीन से इतनी ऊपर हवा में झूल रहा था कि रास्ते से गुजर रहे एक टैंकर को बुलाकर उस पर उसे उतारा गया, जिससे मुश्किल से जान बच पाई। न तो कर्मचारी को खंभे पर चढ़ाते समय सुरक्षा मानकों पर ध्यान रखा गया और न ही उसके फिसलकर गिर जाने के बाद कोई संसाधन उसे बचाने के लिए कर्मचारियों के पास थे। यह आलम तब है जब बीते डेढ़ साल में बिजली निगम के नौ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जान जा चुकी है।
टैंकर की सहायता से उतारा गया नीचे:
झज्जर रोड पर बिजली निगम के कार्यालय शक्ति भवन के सामने बिजली के खंभे पर हाईटेंशन की तार में खराबी आने के कारण आधे शहर की बिजली बाधित हो गई थी। शिकायत मिलने के बाद बिजली कर्मचारी फाल्ट ढूंढते हुए यहां पहुंचे। करीब 30 फीट ऊंचे पोल पर लाइनमैन ने सहायक विश्वेंद्र को चढ़ने के लिए कह दिया। सहायक विश्वेंद्र पोल पर चप्पल पहनकर ही चढ़ गया तथा उसने सुरक्षा के लिए बेल्ट भी नहीं बांधी। सुरक्षा के नाम पर उसने सिर्फ हेलमेट पहना हुआ था। नीचे कोई सीढ़ी भी नहीं लगाई गई तथा रस्सी के सहारे ही कर्मचारी ऊपर चढ़ा। विश्वेंद्र लाइन फाल्ट को ठीक कर ही रहा था कि अचानक से उसका पैर फिसल गया। उसकी चप्पल तो ऊपर खंभे पर लटक कई तथा उसने खुद ने नीचे गिरते हुए बिजली के तार को पकड़ लिया। करीब दस मिनट तक वह हवा में बिजली के तार के सहारे लटका रहा। नीचे खड़े अन्य कर्मचारियों को सीढ़ी नहीं मिली तो उन्होंने रेवाड़ी से झज्जर की ओर जा रहे एक तेल टैंकर को रुकवाया तथा उसे खंभे के नीचे लगवाया। हवा में लटक रहा विश्वेंद्र टैंकर की छत पर उतरा। काफी देर तक कांपता रहा विश्वेंद्र तार से नीचे उतरने के बाद भी विश्वेंद्र काफी देर तक कांपता रहा। विश्वेंद्र यह सोचकर ही सिहर रहा था कि अगर उसके हाथ तार नहीं लगती तो शायद 30 फीट की ऊंचाई से वह सीधे जमीन पर ही गिरता और उसके जीवन पर ही संकट छा सकता था। नौ कर्मचारियों की जा चुकी है जान वर्ष 2020 में बिजली वितरण निगम के आठ कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान कंरट लगने अथवा अन्य कारणों से मौत हो गई थी। वहीं इस साल भी एक कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो चुकी है। लापरवाही से इतनी मौत होना निश्चित तौर पर पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर रहा है।
समय-समय पर कर्मचारियों को सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए ट्रेनिग दी जाती है। दो दिन पूर्व भी इस बाबत कार्यशाला हो चुकी है तथा कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण भी दिए हुए हैं। कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।
-एमएल रोहिल्ला, अधीक्षण अभियंता, डीएचबीवीएन