रोहतक : डीसी आवास को सैकड़ों की संख्या में एकजुट होकर श्रमिकों ने घेर लिया है। करीब 500 श्रमिकों ने डीसी आवास के बाहर डेरा डालते हुए प्रदर्शन किया। श्रमिकों ने अपने मांग पत्र के जरिए शनिवार को एक निर्माणाधीन मकान से गिरकर मरने वाले दोनों मृतक परिवारों के लिए 10-10 लाख मुआवजे की मांग की। साथ ही इस मामले में ठेकेदार और मकान मालिक के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज करने की मांग की।
मौके पर पहुंचे एसडीएम और डीएसपी सहित प्रशासिनिक अमला, लिया ज्ञापन
श्रमिकों के डीसी निवास को घेरने की प्लानिंग पता लगते ही पुलिस की कई टुकड़ियों ने कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया। मौके पर एसडीएम राकेश सैनी, डीएसपी डॉ. रविंद्र, श्रम विभाग के अधिकारियों सहित पुलिस दल पहुंचा। पुलिस ने मौके पर लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति संभाली तो वहीं एसडीएम ने श्रमिकों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। श्रमिकों की मांग के मुताबिक पुलिस ने आरोपी ठेकेदार व मकान मालिक के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज कर लिया है। मगर श्रमिक मुआवजे की मांग को लेकर धरना स्थल पर डटे हुए हैं।
ये है मामला
छोटूराम चौक के नजदीक एक बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है। शनिवार सुबह 4 मजदूर वहां पर काम करने के लिए पहुंचे थे। दो मजदूर तीसरी मंजिल पर बल्लियां बांधकर काम कर रहे थे। इसी बीच बल्लियां टूट गईं। इससे पहले कि दोनों मजदूर खुद को संभाल पाते, वह भी तीसरी मंजिल से बल्लियों और ईंटों के साथ नीचे आ गिरे। नीचे गिरने के बाद उनके ऊपर ईंटें भी गिर गईं। इसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई, जो उन्हें उपचार के लिए लेकर जाने लगे, लेकिन दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
ये हैं मुख्य मांग
– 2 अक्टूबर को तीसरी मंजिल से गिरने वाले गौतम (35) व उत्तम (55) की मौत हुई थी। इनकी मौत के जिम्मेदार ठेकेदार व मालिक के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए। – दोनों मृतक श्रमिकों के परिवारों को 10-10 लाख मुआवजा दिया जाए। – 8 सितंबर को ओमैक्स सिटी में भी एक श्रमिक गिरा था। जिस मामले में श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। घायल श्रमिक आज भी वैंटिलेटर पर है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए श्रमिक की तुरंत प्रभाव से सहायता की जाए। – सभी मजदूरों के पंजीकरण कराए जाएं व पंजीकरण की प्रक्रिया सरल बनाई जाए। – मजदूरी ना देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए व मजदूरों के हितों की सुरक्षा की जाए। – कार्य करने के बाद दिहाड़ी न देने व झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। – शहर श्रम निरीक्षक दिहाड़ी वाले मामलों में मकान मालिकों को जानबूझकर सूचना नहीं देता, जिस वजह दिहाड़ी के केस पेंडिंग पड़े रहते हैं। इस कार्रवाई को दुरुस्त किया जाए।