गुमनाम शहीदों को दिया सम्मान, आंखे हुई नमरेवाड़ी: रविवार को भाजपा द्वारा पूरे हरियाणा में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। उक्त जानकारी देते हुए भाजपा रेवाड़ी जिला अध्यक्ष मा0 हुकमचन्द यादव ने बताया कि माननीय प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में पूरे हरियाणा प्रदेश में लगभग 7500 स्थानों पर एक साथ सुभाष जी का पराक्रम दिवस मनाया गया। इसी कड़ी में रेवाड़ी जिले में भी लगभग 440 जगहों पर एक साथ पराक्रम दिवस मनाया गया। उन्होने बताया कि उपरोक्त कार्यक्रम के लिए जिला उपाध्यक्ष सुनील ग्रोवर को कार्यक्रम का संयोजक व अमित यादव को सहसंयोजक बनाया गया था तथा प्रत्येक गांव व वार्ड में मण्डल अध्यक्षों की अध्यक्षता में एक गांव प्रमुख बनाया गया था।
प्रत्येक गांव व वार्ड में 75-75 लोगों ने कोविड के नियमों को ध्यान में रखते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पराक्रम दिवस मनाया व उनके चित्र के आगे पुष्प अर्पित किए गए। उन्होने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने वाले वाले स्वतंत्रता सेनानियों जिनका जिक्र कहीं नहीं किया जाता था उनके परिवारों से भी मिलकर उन्हें सम्मानित किया गया। यह दृश्य इतना भाव-विभोर कर देने वाला था कि कुछ जगह लोग यह सम्मान पाकर अपनी आंसुओं की धाराआंे को रोक नहीं सके।
जिला अध्यक्ष हुकमचन्द यादव ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी कैबिनेट मंत्री हरियाणा सरकार डा0 बनवारी लाल वार्ड नंबर 5 व 7 बावल, विधायक लक्ष्मण सिंह यादव गांव टूमना, जिला अध्यक्ष हुकमचन्द यादव कोसली, वीर कुमार यादव नठेड़ा, प्रदेश सह प्रवक्ता वंदना पोपली वार्ड-10 रेवाड़ी, सतीश खोला वार्ड-12 रेवाड़ी, कोषाध्यक्ष रामपाल यादव धारूहेड़ा, सुनील मुसेेपुर पूर्व प्रत्याशी वार्ड-22 रेवाड़ी, रत्नेश बंसल वार्ड-11 रेवाड़ी, पूर्व मंत्री जसवंत सिंह बावल वार्ड-21 रेवाड़ी, चैयरपर्सन पूनम यादव वार्ड-21 रेवाड़ी में मौजूद रहे व सभी ने अपने-अपने स्थानों पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस का पराक्रम दिवस मनाया व आजादी के तराने भी गाए।
पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से बताया कि आजाद हिन्द फौज में हरियाणा के लगभग 2,715 सैनिक शामिल थे, जिनमें 398 अफसर और 2,317 जवान थे। तत्कालीन रोहतक जिले (रोहतक, सोनीपत तथा झज्जर) से सर्वाधिक 149 अफसर तथा 724 सैनिकों सहित 873 योद्धा इस सेना में शामिल हुए। गुड़गाँव जिले से (गुड़गाँव, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़) 106 अफसर तथा 580 जवानों सहित कुल 686 सैनिक इस मुक्ति सेना का हिस्सा बने। इन वीरों ने ‘मित्र राष्ट्रों की सेनाओं से जमकर लोहा लिया। जनवरी 1944 में आजाद हिन्द फौज की सुभाष ब्रिगेड को प्रमुख सेनानी शाहनवाज खां के नेतृत्व में अंग्रेजों से सशस्त्र युद्ध करने का अवसर प्राप्त हुआ।