बिल को लेकर बिल्डर की मनमानी, अदालत ने ​तलब किया बिल्डर, जानिए पूरा मामला

रेवाड़ी: सुनील चौहान। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गांव साल्हावास स्थित प्लेटीनम विला के बिजली बिल विवाद का मामला न्यायालय में पहुंच गया है। जिला न्यायालय ने इस मामले में बिल्डर द्वारा अधिक रेट के थमाए गए बिलों की वसूली पर स्टे लगा दिया है। इस मामले में एक नवंबर को अगली सुनवाई रखी गई है तथा बिल्डर को तलब किया गया है।

मनमानी से बिल थमा रहा है बिल्डर: प्लेटीनम विला के अधिवक्ता नरेंद्र लखेरा ने बताया कि साल्हावास गांव में प्लेटीनम विलाज एंड हाइट्स के नाम से सोसायटी बनी हुई है। बिल्डर ने वर्ष 2006 में ही धारूहेड़ा डिवीजन से बिजली का कनेक्शन ले लिया था। जिन लोगों को विला बेचे गए उनसे बिजली कनेक्शन के नाम पर 56 हजार रुपये शुरुआत में ही ले लिए गए थे। इसके बावजूद बिजली विभाग से बिल्डर को लगभग छह रुपये 20 पैसे के हिसाब से बिजली मिल रही है, मगर बिल्डर विला में रह रहे लोगों को 10 रुपये 50 पैसे व उस पर 18 फीसद जीएसटी लगा कर वसूलता रहा। बिल्डर को यहां भी सब्र नहीं आया तथा अब उसने सोसायटी के लोगों को 15 रुपये प्रति यूनिट बिजली चार्ज व उस पर 18 फीसद जीएसटी लगा कर बिल भरने का फरमान जारी कर दिया। विला की आरडब्ल्यूए ने बिल्डर से बिजली बिल व जनरेटर का बिल अलग अलग देने की बात की तो बिल्डर ने बिजली काटने की धमकी दी।
बिजली निगम भी मनमानी पर उतारू: बिजली वितरण निगम भी पूरी तरह से मनमानी पर उतारू है। विला निवासियों ने फैसला लिया कि वह अपने अलग से बिजली मीटर लगवाएंगे। इसके लिए उन्होंने बिल्डर से एनओसी भी ले ली। एनओसी लेने के बाद जब विला निवासियों ने अलग बिजली मीटर के लिए आवेदन किया तो निगम ने यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया कि आप इस विभाग के अधीन नहीं आते हैं। निगम का यह जवाब हैरान करने वाला है क्योंकि निगम ने ही तो बिल्डर को 2006 से कनेक्शन दिया हुआ है। थक हारकर विला निवासियों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।