रेवाड़ी: सुनील चौहान। रोहतक हाईवे पर पर शुक्रवार को गंगायचा टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन करते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका व जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि एमएसपी की गारंटी देने वाली हरियाणा सरकार ने 2250 रुपए प्रति क्विंटल बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है, जबकि एजेंसी 1400 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल खरीद कर रही हैं। वह भी महज टोटल बाजरा का 25% ही खरीदेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 600 रुपए भावांतर एक धोखा व जुमला हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से मांग की है कि किसानों का एमएसपी पर पूरा बाजरा खरीदा जाए। दरअसल, पिछले 5 दिनों से रेवाड़ी-रोहतक हाइवे पर गंगायचा टोल प्लाजा को किसानों ने टोल फ्री किया हुआ हैं। यहां किसानों ने पक्का धरना शुरू कर दिया हैं। तीन कृषि कानूनों की वापसी नहीं होने तक यहां धरना जारी रखने का ऐलान किया हुआ हैं। शुक्रवार दोपहर को यहां बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हुए ओर बाजरे की खरीद को लेकर मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया कि प्रदेश सरकार किसानों को धोखे में रख रही हैं। बाजरे की खरीद एमएसपी पर नहीं खरीदी जा रही हैं।

इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष कामरेज राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि एमएसपी है, एमसपी थी और एमएसपी रहेगी का नारा देने वाली प्रदेश सरकार की असलियत सबके सामने हैं। सरकार ने 2250 रुपए बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया हैं, जबकि एजेंसी 1400 रुपए प्रति क्विंवटल खरीद रही हैं। यह किसानों के साथ धोखा हैं। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के नेता समय सिंह, कुलदीप, भारतीय किसान यूनियन के अशोक मुसेपुर, जय किसान आंदोलन के अभेय सिंह, राजबाला, मास्टर धर्म सिंह, रामकुमार निमोठ, विजय कुमार, गजराज, भागीरथ, भूपेन्द्र,
रामफल, महावीर सिंह आदि मौजूद थे।
27 सितंबर से टोल फ्री
बता दें कि किसान आंदोलन की शुरूआत में रेवाड़ी-रोहतक हाइवे पर पड़ने वाले गंगायचा टोल को भी किसानों ने फ्री कर दिया था, लेकिन 26 जनवरी के बाद से यह टोल चालू था। 27 सितंबर को किसानों के भारत बंद के दौरान इस टोल को फिर से फ्री करा दिया गया था। जिसके बाद टोल मैनेजर की शिकायत पर रेवाड़ी के सदर थाना में 150 से ज्यादा किसानों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया था। किसानों का आंदोलन पिछले पांच दिनों से अब गंगायचा टोल पर भी चल रहा है, जिसके चलते टोल फ्री हैं।














