निजी स्कूलों की मनमानी से 134ए के आवेदनकर्ता परेशान, शिक्षा विभाग हुआ निष्क्रिय

हरियाणा: सुनील चौहान। हरियाणा शिक्षा अधिनियम 134 ए के तहत प्रदेश के निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चो को निशुल्क शिक्षा लेने का अधिकार माननीय पंजाब एंड हरियाणा के आदेश से प्राप्त हुआ है, परन्तु प्रदेश के निजी स्कूल गरीब परिवारों के बच्चो को शिक्षा देना ही नही चाहते, बार बार कुछ न कुछ अड़चन लगाते ही रहते हैं। जैसे कोविड -19 महामारी के बाद अब सरकार ने नियम 134ए के लिये आवेदन प्रकिर्या के लिये आवेदन मांगे हैं तो आवेदन में निजी स्कूलों द्वारा रिक्त सीटों का ब्यारो वेबसाइट पर देनी थी, जिसके बाद ही जरूरतमंद बच्चो के आवेदन किये जाने थे। परन्तु कुछ निजी स्कूलों ने अब तक रिक्त सीटो का ब्यारो वेबसाइट पर अपलोड नही किया है। आवेदन करते समय उन स्कूलो का नाम तो आता है परन्तु रिक्त सीट नही है, मुख्य बात ये है कक्षा दूसरी और तीसरी के लिये भी रिक्त सीटे नही दिखाई दे रही है। जबकि ये पोसीबल ही नही की कक्षा दूसरी ओर तीसरी में रिक्त सीटे न हो। क्योकि नियम 134ए के तहत कक्षा दूसरी से सुरु होता है तो उसमें तो रिक्त सीटे खाली होनी ही चाहिय, ओर पिछले वर्ष कोविड -19 के कारण आवेदन नही हुए तो पिछले वर्ष के दूसरी कक्षा के छात्रों की संख्या में भी रिक्त सीटे भी भरी गई तो वो भी खाली है परंतु निजी स्कूलो ने ऊपर की कक्षाओं के साथ साथ दूसरी ओर तीसरी कक्षा की सीटों में भी रिक्त नही दिखाई, ओर ये सब देखते हुए भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है, निजी स्कूलों पर कोई कार्यवाही ही नही की जा रही है, ये सब इसलिय हो रहा है क्योकि अधिकारियो की निजी स्कूलों से मिलीभगत है और ये निजी स्कूल या तो राजनेताओ के खुद के है या उनके मिलने वालों के इसलिय इन पर कोई कानूनी कार्यवाही नही होती है, कैलाश चंद एड्वोकेट ने ये भी बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति उन्होंने नियम 134 ए के आवेदन हेतु निःशुल्क सहायता कैम्प चलाया हुआ है कोई भी जरूरतमंद कैम्प में आकर निःशुल्क फॉर्म भरवा सकता है…