नारनौल जेल में काली कमाई का खेल: रिश्वत लेने के आरोप में सुपरिंटेंडेंट सहित 4 पर केस दर्ज

हरियाणा: नारनौल शहर की जेल में काली कमाई का मोटा खेल चल रहा है। जेल के अंदर अपराधियों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध के नाम पर मोटी वसूली की जाती है। जेल के भीतर अपराधियों को परेशान करके जबरन रिश्वत मांगने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। नारनौल की नसीबपुर जेल में 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों विजिलेंस के हत्थे चढ़े जेल वॉर्डर राजन की गिरफ्तारी के बाद 3 अन्य जेल कर्मियों की गर्दन नप सकती है, क्योंकि जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और दो अन्य जेल वॉर्डर के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है। क्या था मामला: बता दें कि नारनौल की नसीबपुर जेल के वॉर्डर राजन को गुरुवार दोपहर गुरुग्राम विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा था। उसने रिश्वत हरियाणा और राजस्थान के नामी गैंगस्टर पपला गुर्जर के खास गुर्गे नांगल चौधरी थाना क्षेत्र साधा की ढाणी गांव निवासी संदीप उर्फ सिंधिया के भाई हंसराज से ली थी। बदमाश संदीप के जेल से फोन करने पर ही हंसराज यह नकदी देने पहुंचा था। गार्द पोस्ट के भीतर पैसों की गिनती करते समय उसे गुरुग्राम विजिलेंस ने दबोच लिया था। राजन से पूछताछ में सामने आया कि जेल के ही एक अन्य वॉर्डर गजे सिंह के कहने पर उसने एक लाख की नकदी ली। गजेसिंह ने संदीप की कराई थी बात दरअसल, 4 साल पहले महेन्द्रगढ़ के एक पुलिसवाले का मर्डर करके संदीप उर्फ सिंधिया और उसके साथी गैंगस्टर पपला गुर्जर को छुड़ा ले गए थे। उसके बाद से ही वह नारनौल की नसीबपुर जेल में बंद है। गुरुवार की सुबह जेल में तैनात वॉर्डर गजे सिंह ने अपने मोबाइल फोन से संदीप की बात उसके बड़े भाई हंसराज से कराई थी। संदीप ने कहा था कि उसे जेल में बहुत परेशान किया जा रहा है। पैसों की डिमांड की जा रही है। अगर 1 लाख रुपए नहीं दिए तो कुछ भी हो सकता है। हंसराज ने इसकी जानकारी गुरुग्राम विजिलेंस को दी और फिर 1 लाख का इंतजाम कर विजिलेंस टीम के साथ नारनौल की नसीबपुर जेल में पहुंच गया। यहां जेल के पास बनी गार्द पोस्ट में वॉर्डर राजन ने हंसराज को आने के लिए बोला। हंसराज पहुंचा और राजन को एक लाख रुपए दे दिए। अभी राजन 500-500 के नोट की गडि्डयों की गिनती ही कर रहा था कि तभी विजिलेंस ने रेड कर दी और राजन को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट पर भी केस दर्ज: विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, राजन ने पूछताछ में बताया कि एक लाख की नकदी वह गजे सिंह के कहने पर लेने आया था। गजे सिंह की गुरुवार को सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक जेल के भीतर ड्यूटी थी। विजिलेंस ने गहनता से जांच की तो कुछ और नाम जुड़ते चले गए। इसमें जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप, हेड कॉन्स्टेबल विवेक, कॉन्स्टेबल गजे सिंह का नाम सामने आया है। राजन के अलावा इन तीनों पर भी FIR दर्ज की गई है।