रेवाड़ी: सुनील चौहान। जांकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। दशहरा के पावन पर्व पर जहां कुछ जगहों पर राम-लखन रथ पर सवार होकर और रावण घोड़े पर सवार होकर युद्ध लड़ रहे थे वहीं कुछ स्थानों पर छोटे-छोटे बच्चों ने अपने ही अंदाज में झांकी निकाली। जिसके पास जैसी व्यवस्था बनी उसने वैसी ही झांकी निकालकर प्रभु को नमन किया। बच्चों की ओर से भी राम-रावण की जगह-जगह झांकियां तैयार की गई थीं। शहर के मोहल्ला नई आबादी में कहीं रिक्शा पर तो कहीं रेहड़ी पर राम, सीता व लखन सवार नजर आए। वहीं रावण ने भी मोटरसाइकिल पर बैठकर युद्ध किया। यहां बच्चों का कहना था कि वह रथ, घोड़े आदि की व्यवस्था करने में असमर्थ थे इसलिए अपने स्तर पर ही प्रयास करके झांकी निकाली गई। इन बच्चों का मोहल्लावासियों ने भी खूब हौसला बढ़ाया।