डेंगू का कहर : 3 दिन में रेवाडी में डेंगू के 8 केस मिले, प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी मगर सिविल अस्पताल में उपलब्ध नहीं

रेवाडी: जिले में डेंगू का डंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बरसात का मौसम लंबा खींचने से इस बार डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है। अब तीन दिन में ही 8 और कंफर्म केस मिल चुके हैं। ऐसे में कुल संख्या बढ़कर 28 पर पहुंच गई। डेंगू के केस बढ़ने से प्लेटलेट्स की भी डिमांड बढ़ी है, लेकिन सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में फिलहाल प्लेटलेट्स उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को प्राइवेट ब्लड बैंक का सहारा लेना पड़ रहा है। वहां लोगों को महंगा चार्ज भी देना पड़ रहा है। अभी लैब में आरबीसी पैक्ड ब्लड और प्लाज्मा भी नहीं मिल रहा है। सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक को एक साल पहले ब्लड सेल सेपरेटर मशीन मिली थी और करीब तीन महीने पहले मशीन के संचालन के लिए लाइसेंस भी मिल चुका है। ऐसे में अब कुछ औपचारिकताओं के भरोसे ही मशीन रनिंग में नहीं हो पा रही है। बताया जाता है कि स्टाफ को ट्रेनिंग भी नहीं मिल सकी है। हांलाकि सिविल अस्पताल अधिकारियों का कहना है कि कुछ छोटी-मोटी जरूरत है, जिसे शीघ्र पूरा कर अगले एक सप्ताह में सेल सेपरेटर मशीन को शुरू कर दिया जाएगा। लैब में तेजी से बढ रहे केस: सिविल अस्पताल की लैब में अब से 10 दिन पहले लैब टेस्ट की संख्या कम थी, लेकिन अब 10 दिन में ही 250 से 300 के बीच रोज टेस्ट लग रहे हैं। यानि 10 दिन में ही 40 फीसदी तक टेस्ट बढ़ गए। इनमें सीबीसी, डेंगू एनएस-वन और एलाइजा टेस्ट ज्यादा शामिल हैं। लैब टेस्ट के लिए बड़ी बात ये भी है कि सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ही होते हैं। इसके बाद आने वाले को अगले दिन के लिए कहा जाता है। डेंगू के भी हर दिन 30 से ज्यादा टेस्ट लग रहे: सरकारी अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में ही हर दिन 150 के आसपास वायरल के पीड़ित मिल रहे हैं। इनमें से 40 पीड़ित ऐसे भी हैं जिनमें प्लेटलेट्स की कमी मिल रही है। बच्चों की ओपीडी में भी बड़ी संख्या में छोटे बच्चे पहुंच रहे हैं। इनमें वायरल के ही ज्यादा है। इन सभी की ओपीडी में से मिलाकर हर रोज 30 से ज्यादा डेंगू के कंफर्मेशन टेस्ट के लिए एनएस-वन लगाए जा रहे हैं। सरकारी रिकॉर्ड में 28 केस, निजी में भी मिले: सिविल अस्पताल में ही जो केस कंफर्म किए जा रहे है। उनकी संख्या सरकारी रिकॉर्ड अनुसार 28 पर पहुंच गई है। जबकि निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में वायरल और डेंगू संदिग्ध पहुंच रहे हैं। निजी अस्पतालों को वैसे तो उनके यहां डेंगू के पीड़ित जो भी आएंगे, उनका रिकार्ड सिविल अस्पताल में देना होता है। लेकिन वहां से भी काफी ऐसे भी हैं, जिनका रिकॉर्ड नहीं पहुंच पाता है। डेंगू के टेस्ट के भी पैसे तय किए हुए हैं। निर्धारित दर से ज्यादा पैसे निजी लैब पर टेस्ट के नहीं ले सकते हैं। 2018 में मिले थे डेंगू के 118 केस: जिले में वर्ष 2018 में डेंगू के 118 कंफर्म केस मिले थे। ऐसे में इस बार लगातार डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। डेंगू का असर नवंबर माह तक रहता है। इसलिए अभी मामलों में और बढ़ोतरी हो सकती है।