सीआईडी के डीआई के पास अवैध वसूली का पैसा नहीं पंहुचा तो अपने एसआई पर भडका
जिले की सीआईडी बनी अवैध वसूली का अड्डा
कनीना/रेवाडी: केंद्र एवं प्रदेश सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी जिले में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भ्रष्टाचार के इस खेल में निचले लेवल के कर्मचारी नहीं बल्कि जिला स्तरीय वे अधिकारी शामिल हैं जिनका संबोधन सीएम फ्लाईग के नाम से होता है। ऐसे अधिकारी सरकार के तमाम प्रयासों पर पानी फेर रहे हैं। हाल ही में वायरल हुई ऑडियो में इस घटनाक्रम में शामिल गुप्तचर विभाग के जिला अधिकारी पूरी तरह से बेनकाब हो गये हैं। ये अधिकारी जिले के विभिन्न संस्थानों, खनन विभाग, खाद्य एवं पूर्ति विभाग, गलि एवं सडक़ निर्माण करने वाले ठेकेदार आदि से उलटी-सीधी रिपोर्ट भेजने का दबाव बनाकर रूपये ऐंठ रहे हैं। अहम बात ये है कि लंबे समय से ये यहीं पर जमें बैठे हैं। कहीं बदली हो जाती है तो तिगड़म बाजी करके कुछ ही समय बाद पुन: जिले में पंहुच जाते हैं ओर अपने कार्य को अंजाम देने लगते हैं। इनकी अधिकांश समय ड्यूटी महेंद्रगढ जिले में रही है जिसके चलते सभी पहलुओं की भतिभांति जानकारी है।
इस पूरे प्रकरण में अवैध वसूली के 5 पैसे न मिलने पर सीआईडी डीआई अपने मातहत कर्मचारी एसआई पर ऑडियो क्लिप के माध्यम से भड़ास निकाल रहे हैं। ऑडियो में डीआई अपनी बातों में कहता सुनाई दे रहा है कि उनके नाम से निचले कर्मचारी वसूली कर रहे हैं। इस बात की जानकारी उन्हें लगी ओर तह तक गया तो उन्हें मालुम हुआ कि उनके हिस्से के रूपये दे दिये गये हैं, लेकिन उन्हें 5 पैसे तक का शेयर नहीं मिला। लाखोंं रूपये की मंथली लेने पर वे अपने की कर्मचारियों पर भडक़ गये ओर गाली देते हुये उन्हें कोसने लगे।
वायरल हुई 3 मिनट 49 सैकेंड की ऑडियों के माध्यम से सीआईडी के डीआई एवं व अन्य पुलिस मुलाजिम के मध्य बातचीत हुई है। जिसके माध्यम से गुप्तचर विभाग के सब इंस्पेक्टर की ओर से डीआई के नाम से लाखों रूपये की अवैध वसूली के आरोप लगाये गये हैं। लीलाराम साहब ने फूड सप्लाई, कुरहावटा में गलि निर्माण करने वाले ठेकेदार से दबाव बनाकर पप्पल के माध्यम से एक लाख रूपये की वसूली करने, माईनिंग से 40-45 हजार सहित माह भर में कुल 1.10 लाख रूपये की वसूली गुप्तचर विभाग कर्मचारियोंं की ओर से की गई है। इस बात की भनक लगने पर डीआई ने एसआई से पूछताछ की तो उन्होंने कहा जयपुर गये तो 50 हजार रूपये पप्पल ले गया ओर 50 हजार खर्च हो गये। सीआईडी के नाम से रूपये दिये जाने की बात कही गई है। रिकार्डिंग में डीआई ने कहा कि उनके पास 5 पैसा भी नहीं पंहुचा ओर उनके उसके नाम पर नाजायज रूप से दबाव बनाकर लाखों रूपये की वसूली करने तथा स्पीड से मकान का निर्माण कार्य करने की बात कही गई है।
हालांकि सामने वाले व्यक्ति की आवाज इतनी सुनाई नहीं दे रही जितना डीआई अपनी बात रख रहे हैं। अपने मुलाजिम पर उनके सीआईडी केे नाम से दबाव बनाकर रूपये लेने की बात कही जा रही है। इस पूरी घटना में जिले के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को सोचने पर विवश कर दिया है।
वर्सन डीआई
इस बारे में गुप्तचर विभाग के डीआई विश्वजीत ने कहा कि शक लगने पर मैं अपने मुलाजिमों को कुछ भी कंहुगा। पैसे वाले मामले को लेकर तो में यहां पर बैठा हूं। अगर मैं पैसे लेकर आया हूं या मुलाजिम लेकर लेकर आया तो इसकी पुष्टि करो। ऑडियो में उनकी आवाज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरी आवाज में मेरे कर्मचारियों को कह रहा हूंगा, मुझे शक लगा कि अपने मुलाजिम गलत करते हैं तो मैं उन्हें धमकाऊंगा नहीं? कहीं भी कुछ गलत किया तो मैं मुलाजिम के खिलाफ कार्रवाई कराऊंगा।
वर्सन एसआई
इस बारे में सीआईडी के एसआई लीलाराम ने कहा कि जो ऑडियो आई है उसमें कोई सच्चाई नहीं है। डीआई अपनी तनख्वाह में गुजारा करने वाला आदमी है। ऐसी बात कहीं भी नहीं मिलेगी। ये बातें कहीं बैठे हुये होगें ओर कोई चर्चा चली होगी तो कही गई होगी। हमने मकान बनाया तो 30-40 लाख का लोन भी ले रखा है। इस प्रकार की शिकायत पहले भी आई थी। जिसकी जांच की गई थी।
—— डीएसपी देवेद्र सिंह सीआईडी रेवाड़ी
सीएम फ्लाईंग का काम सारा ऊपर से होता है। सभी डिसीजन वहीं से लिये जाते हैं। हमारा काम रिपोर्ट बनाकर भेजने का है। हम रिपोर्ट बनाकर भेज देगें। कार्रवाई हैडक्वार्टर से होती है।
वर्सन एसपी
सीआईडी के एसपी राजकुमार ने कहा कि वे दिल्ली के एसपी हैं, महेंद्रगढ-नारनौल जिला मेरी ज्यूरीडेक्सन में नहीं है।
बॉक्स न्यूज
गुप्तचर विभाग के अधिकारियों के इस प्रकार के रवैये के कारण पिछले समय से विभिन्न विभागों के अधिकारियों पर ऊपर से रिपोर्ट मागें जाने का दबाव बनाकर वसूली की जा रही है। कहा जा रहा है कि
सीआईडी के अधिकारियों के पास फूड सप्लाई के बीपीएल परिवारों का विवरण, फिंगर प्रिंट हैं जिनके माध्यम से वे किसी भी पीओएस मशीन से राशन निकलवा कर गोलमाल कर लेते हैं। दूसरी ओर जिले के विभिन्न गावों व शहरों में अवैध रूप से नशीले पदार्थ का कारोबार चल रहा है ऐसे कार्यों की रिपोर्ट सीआईडी की ओर से नहीं भेजी जा रही ओर ना ही कार्रवाई की जा रही। निजी बस एवं भारी वाहन चालकों से भी मंथली वूसली की बातें सामने आ रही हैं। केवल अपने निहित स्वार्थ एवं उच्च अधिकारियों की ओर से मांगी गई जानकारी ही उन्हें भेजी जाती है।