रेवाडी/ नारैनाल सुनील चौहान। महेन्द्रगढ़ जिले में गांव धनौंदा के पूर्व सरपंच को बदमाशों ने गोलियों से भून दिया। इतना ही नहीं बदमाशों ने गोलियां मारने के साथ ही पूर्व सरपंच का एक हाथ भी तेजधार हथियार से काट दिया। महेन्द्रगढ़ सीआईए के अलावा लोकल पुलिस बदमाशों की धरपकड़ में लगी हुई है। पूर्व सरपंच का अपराधिक रिकॉर्ड रहा हैं। मर्डर के मामले में अभी हाल ही में वह पैरोल पर बाहर आया था। मृतक की पहचान 35 वर्षीय पूर्व सरपंच विक्रम सिंह धनौंदा के रूप में हुई है। गांव में और रेवाड़ी में उसका एक मकान है।
रात को किया हमला: मंगलवार की रात वह गांव में घर पर गया था। तभी पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उस पर दनादन फायरिंग कर दी । इतना ही नहीं तेजधार हथियार से बदमाशों ने उसका एक हाथ भी काट दिया। करीब 10 राउंड फायरिंग की आवाज सुनकर विक्रम के परिजन बाहर निकले तो बदमाश मौके से फरार हो गए। विक्रम को गंभीर हालत में रेवाड़ी के ट्रॉमा सेंटर लाया गया, जहां उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
2016 में बने थे सरपंच: वर्ष 2016 में हुए पंचायती चुनाव में विक्रम सिंह धनौंदा को सरपंच चुना गया था। चुनावी रंजिश के चलते सरपंच रहते हुए विक्रम ने 11 जून 2016 को सरेआम अपने ही गांव के विनोद उर्फ भाता को गोली मारकर मौत के घात उतार दिया था। इस मामले में कई आरोपियों को नामजद किया गया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में विक्रम को उम्रकैद की सजा हो गई थी। इसी सजा को भुगतने के दौरान वह पैरोल पर बाहर आया हुआ था। विक्रम का आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा चौड़ा है। पैरोल पर बाहर आने के बाद भी उस पर दो मामले दर्ज हुए थे। इस रंजिशों में मंगलवार रात उसका गांव में ही गोली मारकर कत्ल कर दिया गया।
सरपंच ने किया था मर्डर: विक्रम ने विनोद उर्फ भाता के सिर में गोली मारी थी। इसके अलावा उस पर तलवारों से हमला किया था। बीती रात विक्रम की हत्या भी उसकी ही स्टाइल में की गई। विक्रम के सिर में गोली मारने के साथ ही उस पर तेजधार हथियार से हमला किया गया। विक्रम हत्याकांड में उसके ही गांव के कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। विक्रम के ताऊ लाला राम ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है।