खाद के लिए मचा हाहाकार, पुलिस की मौजदूगी में बटे टोकन, दिनभर रही लगी रही भीड

रेवाडी: डीएपी खाद को लेकर जिले में हाहाकार मचा हुआ है। शनिवार को इफको व सोसायटी में खाद का स्टाक पहुंच गया। किसानों को उम्मीद थी कि खाद की आपूर्ति होने पर स्थिति काबू में आ जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जितनी खाद पहुंची उससे कई गुणा अधिक भीड़ खाद लेने के लिए पहुंच गई। सोसायटी व इफको केंद्र के बाहर खाद लेने वालों की लंबी लाइनें लगी रही। घंटों तक लाइन में लगने के बाद ही लोगों को खाद मिल सकी। ज्यादातर को तो बिना खाद लिए ही वापस जाना पड़ा। मार्केटिग सोसायटी की ओर से शनिवार को 900 कट्टे खाद के बांटे गए। हालांकि राहत भरी बात यह रही कि शनिवार को जिला की 22 ग्रामीण सहकारी समितियों पर खाद पहुंचा दिया गया, जिससे ग्रामीण अब अपने गांव के निकट भी खाद ले सकेंगे। दक्षिण हरियाणा के किसान खरीफ के सीजन में मौसम की मार से फसलों का नुकसान झेल चुके हैं। अब पिछले 15 दिनों से रबी की फसलों की बिजाई के लिए डीएपी खाद की कमी से जूझ रहे हैं। रेवाड़ी व महेन्द्रगढ़ दोनों ही जिलों में डीएपी खाद की कमी के कारण बीच-बीच में सरकारी खाद बीज केन्द्र बंद भी करने पड़े हैं। प्राइवेट खाद बीज केन्द्रों का हाल यह है कि किसान सुबह 4 बजे से ही सेंटर के बाहर लाइनों में लग जाते हैं। डीएपी खाद लेने के लिए किसानों को शाम तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। रेवाड़ी की नई अनाज मंडी स्थित कृभको, इफको व प्राइवेट केन्द्रों पर खासी भीड़ नजर आ रही हे। डीएपी को लेकर किस तरह की मारामारी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिक्री केन्द्रों पर पुलिस के जवानों तक को तैनात करना पड़ा है।   khad सुबह 4 बजे से लगी लाइन: खाद-बीज केन्द्रों पर किसानों की लंबी लाइन नजर आ रही है। केन्द्र खुलने का समय 9 बजे का है, लेकिन डीएपी की कमी के चलते किसान 5 घंटे पहले ही पहुंचकर लाइन में लग जाते हैं। एक केन्द्र तो मेन सड़क पर बना हुआ है, जिसके सामने भारी वाहनों का आवागमन रहता है। इसके बीच ही लोग जान जोखिम में डालकर लाइनों में लगे हैं। किसानों का कहना है कि प्राइवेट दुकानदारों के पास डीएपी का फुल स्टॉक हैं, लेकिन वे मनमर्जी का दाम वसूल रहे हैं। किसानों को मजबूर होकर ज्यादा कीमत पर डीएपी का कट्‌टा खरीदना पड़ रहा है। जबरदस्ती दे रहे कीटनाशक: किसान राजेद्र सिंह, धमेेेद्र, रणजीत, अशोक, मगन सिंह, गजराज, अभय सिंह आदि का कहना है कि सरकारी केन्द्रों पर डीएपी की कीमत 1200 रुपए है। वहीं प्राइवेट दुकानदार इसी बैग की 1400 से 1500 रुपए कीमत वसूल रहे हैं। साथ ही दुकानदार किसानों को रबी फसल में उपयोग के लिए खरपतवार कीटनाशक भी जबरदस्ती थोप रहे हैं, जिससे किसानों को एक बैग काफी महंगा पड़ रहा हैं। 10 हजार एमटी डीएपी की जरूरत: रबी के सीजन में फसलों की बिजाई के लिए अकेले रेवाड़ी जिले के किसानों को करीब 10 हजार एमटी डीएपी की जरूरत है। लेकिन फिलहाल 3 हजार एमटी डीएपी मिल रही है। डीएपी की कमी को दूर करने के लिए प्रशासन द्वारा चंबल फर्टिलाइजर कंपनी से निर्धारित कोटा बढ़वाकर कुछ दिन पहले 1 हजार एमटी डीएपी का रैक मंगवाया गया था, लेकिन वह भी किसानों की कमी पूरी नहीं कर पाया।   रविवार को खाद का वितरण नहीं होगा: सहकारी समिति से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को छुट्टी रहेगी तथा सोमवार को खाद का वितरण होगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि छुट्टी वाले दिन आकर परेशान नहीं हो। हमारे पास खाद की कोई कमी नहीं है। 25 में से 22 सहकारी समितियों में भी खाद पहुंचा दिया है। मेरा किसानों से आग्रह है कि वह केवल सरसों के लिए खाद ले लें, गेहूं के लिए अभी से खाद का स्टाक नहीं करें। एक आधार कार्ड पर दो बैग खाद दी जा रही है। ग्रामीण रेवाड़ी आने की बजाय अपने गांव की सहकारी समिति से खाद प्राप्त कर लें। अगले सप्ताह स्थिति में पूरी तरह से सुधार हो जाएगा।