कोरोना का कहर: हर तीसरे घर में बुखार खासी के मरीज, लोग भयभीत

रेवाडी: सुनील चौहान: शहरो के साथ साथ अब गांवों में कोरोना पसरने लगा है। कई गांवों में संदिग्ध हालात में मौतें हो रही हैं। घर घर में बुखार और खांसी-जुकाम के मरीज हैं लेकिन लोग कोरोना जांच के लिए आगे नहीं आ रहे। लगातार बढ़ रहे मौतों के आंकड़े से प्रशासन में हड़कंप है। लोगों का कहना है कि कहीं एक दिन में चार तो कहीं पांच शव उठाने पड़ रहे हैं। जिंदगी में ऐसे हालात कभी नहीं देखे।
सुविधाओ के लिए तरस रहे लोग: गांवो में अगर कोई बीमार हो जाता है तो सिर्फ कहा जाता है कि इसे कोरोना हो गया है, इसे किसी बडे अस्पताल में लेकर जाओ। जब अस्पतालों में सपंर्क किया जाता जो यही जबाव मिलता है कि कोई बैड ही खाली नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई किसी की सिफारिस लगवाकर बैड मिल भी जाए तो बैड की कीमत इतनी होती है कि् मरीज कीमत सुनकर ही धुटने लगता है। ऐेसे में एक ओर कोरोना की मार दूसरी ओर वह खर्चे के चलते मानसिंह रूप से प्र​ताडित हो जाता है। ऐेसे मे मरीज ठीक होने की बजाय घबराहट व चिंता से कुछ दिनों में दम तोड देता हैं। गावं में एक व्यक्ति् के मरते ही यह बात तुरंत आग की तरफ फैल जाती है। मरने के बाद उस परिवार को भी कोरोना ग्रसत होने की आशंका से देखने लगते है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए हरियाणा सरकार को गांवों में ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ रणनीति अपनानी होगी। गांवों में कोविड-19 जांच के लिए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग भी करवाना होगा। अगर समय रहते गांवों की ओर ध्यान नहीं दिया तो इसके परिणाम भयानक हो सकते है।