किसान आंदोलन: बिल वापसी की घोषणा के बावजूद खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर नहीं हुआ धरना समाप्त, एक साल बीता जानिए आज की हालात

रेवाड़ी/ अलवर: सुनील चौहान। दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के धरने को बृहस्पतिवार को एक साल पूरा हो गया है। दो दिसंबर 2020 को किसानों ने खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर सर्विस लेन पर धरना शुरू किया था। पिछले एक साल से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर यातायात प्रभावित है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद हाईवे के खुलने की उम्मीद जागी है, लेकिन किसान अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और धरना जारी है। हाईवे बंद होने के कारण अभी भी पेट्रोल पंप, होटल, ढाबे व दुकानें बुरी तरह प्रभावित हैं। बार्डर पर ही रोक दिए थे किसान: कृषि कानूनों के विरोध में राजस्थान की तरफ से दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों को दो दिसंबर 2020 हरियाणा पुलिस द्वारा जयसिंहपुर खेड़ा-शाहजहांपुर पर बेरिकैड लगा कर रोक दिया था। पुलिस द्वारा रोक देने के बाद हाईवे की सर्विस लेन पर किसानों ने अपना धरना शुरू किया था। 13 दिसंबर को किसानों ने हाईवे को जाम कर दिया था तथा बीच सड़क पर धरना शुरू हुआ था। यातायात और व्यापार है प्रभावित: किसानों के हाईवे पर बैठ जाने के कारण दिल्ली-जयपुर हाईवे पर यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा है। राजस्थान की ओर से आने वाले वाहनों को शाहजहांपुर-रेवाड़ी मार्ग से भेजा जा रहा है, जिस कारण सड़क पूरी तरह टूट चुकी हैं और हर समय जाम की स्थिति रहती है। भारी वाहनों के गांवों के संपर्क मार्गों से गुजरने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। गांवों के संपर्क मार्ग भी टूट चुके हैं। हाईवे पर धारूहेड़ा से शाहजहांपुर बार्डर पर स्थित पेट्रोल पंप भी एक साल से प्रभावित हैं। हाईवे पर बावल के निकट स्थित होटल, ढाबे व दुकानें भी बंद हैं। कुछ माह पहले शाहजहांपुर बार्डर से सर्विस लेन से यातायात शुरू होने से कुछ राहत मिली है, लेकिन यहां से सिर्फ हल्के वाहनों को ही निकाला जा रहा है। भारी वाहन अभी हाईवे पर सरपट नहीं दौड़ पा रहे हैं।