हरियाणा: दिनभर के हंगामे के बाद रात को लघु सचिवालय के बाहर ही धरने पर ही किसानों और जवानों ने विश्राम किया। सड़क के बीच में बिछी दरियों पर किसान लेटे रहे। वहीं बाहर फुटपाथ पर आरएएफ और पुलिस के जवान तथा सचिवालय के अंदर बीएसएफ के जवानों ने विश्राम किया। हालांकि जवानों ने बारी-बारी से ड्यूटी भी निभाई। नवंबर 2020 में जैसे किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर धरना देते हुए डेरा जमाया था। वैसे ही अब लाठीचार्ज के मामले में गुस्साए किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर डटने की योजना बनाई है। मंगलवार की शाम को सचिवालय का घेराव करते हुए यह फैसला लिया गया। इसके बाद से धरने पर डटे किसानों ने रात में दरियां भी मंगवा ली हैं। इससे लोगों के मन में भी चिंता है कि कहीं दिल्ली की सीमाओं की तरह सचिवालय रोड पर भी किसानों का जमावड़ा न हो जाए, क्योंकि अब यहीं पर पक्का मोर्चा लगाने की किसान तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले तीसरे दौर की वार्ता विफल होने के बाद हाईवे पर निकले किसानों ने शाम को जिला सचिवालय का घेराव किया।
किसान सचिवालय के मुख्य गेट पर इकट्ठे हो गए। किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। सचिवालय गेट के बाहर किसान नेताओं की मीटिंग हुई। वहीं आईजी ममता सिंह, डीसी और एसपी की अगुवाई में प्रशासनिक अफसरों ने भी अलग बैठक की।