एबीवीपी ने IGU में वीसी का फूंका पुतला: विरोध प्रदर्शन कर निकाली शव यात्रा

रेवाड़ी: सुनील चौहान। गुरुवार को ABVP ने विरोध जताते हुए IGU (इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी) मीरपुर के वीसी एसके गक्खड़ के पुतले की शव यात्रा निकाली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले विद्यार्थियों ने यह शव यात्रा निकाली, जो धारूहेड़ा चुंगी से मिनी सचिवालय तक गई। मिनी सचिवालय के गेट पर विद्यार्थियों ने वीसी का पुतला जलाया। इस दौरान विद्यार्थी नारेबाजी करते रहे। विद्यार्थियों ने अपनी मांगों का एक पत्र केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के नाम डीडीपीओ को सौंपा।

विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी के वीसी पर भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोप लगाए। मिली जानकारी के अनुसार, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में खामियों और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तलते काफी संख्या में विद्यार्थी शहर में धारूहेड़ा चुंगी पर एकत्रित हुए। फिर उन्होंने वाइस चांसलर के पुतले की शहर में शव यात्रा निकाली और तीन किलोमीटर का रोष मार्च निकालते हुए जिला सचिवालय गेट पर जाकर पुतले को आग के हवाले किया।

रेवाड़ी में शव यात्रा निकालने के बाद पुतला फूंकते विद्यार्थी।
रेवाड़ी में शव यात्रा निकालने के बाद पुतला फूंकते विद्यार्थी।

इस दौरान शहर में जगह–जगह पुलिस भी सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तैनात रही। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं। विद्यार्थियों के रिजल्ट लेट जारी किए जाते हैं। खराब परीक्षा परिणाम जारी करके छात्रों को परेशान किया जा रहा है। प्रदर्शन में शामिल हुए विद्यार्थियों ने मांग की है कि परीक्षा परिणाम सही तरीके से और समय पर जारी किया जाएं।

यूनिवर्सिटी में खामियों को दूर किया जाए और जो भ्रष्टाचार भर्ती और अन्य कार्यों में किया गया है, उसकी जांच करके उचित कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन में शामिल छात्र नेता सौरभ यादव का कहना है कि विद्यार्थी कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन छात्रों की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्हें ऐसा लगता है कि वीसी का जमीर मर चुका है। इसलिए आज वे विरोध जताने के लिए वीसी के पुतले की शव यात्रा निकाल रहे है।

बता दें कि 2013 में रेवाड़ी के गांव मीरपुर में इंदिरा गांधी रीजनल सेंटर को विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था, लेकिन विश्वविद्यालय बनाने के वर्षों बाद भी यहां काफी खामियां है, जिसे सुधारने की जरूरत है। आईजीयू प्रशासन ने टीचर्स की कमी और संसाधनों के अभाव में दो साल पहले कुछ विषयों को बंद किया था और सीटें भी घटा दी थी, लेकिन बावजूद इसके आईजीयू के हालात ज्यादा अच्छे नहीं है और इसी के चलते छात्र संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है।