ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करवाने वाले श्रमिको की उमडी भीड
– सीएससी पर नि:शुल्क होगा पंजीकरण: यशेन्द्र सिंह
रेवाड़ी, 24 नवंबर: सुनील चौहान। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए ई-श्रम पोर्टल लांच किया गया। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को अब ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने उपरांत ही सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला में असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करने लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग के नेशनल डेटाबेस ऑफ अन-ऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स कार्यक्रम के तहत कॉमन सर्विस सैंटर (सीएससी) के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है।
जिला में अब तक लगभग 19000 श्रामिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर कराया पंजीकरण
जिला श्रम एवं रोजगार विभाग सर्कल-1 रेवाड़ी के निरीक्षक जगराम यादव ने बताया कि जिला रेवाड़ी में अब तक असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 19000 श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा श्रमिकों को गांव-गांव जाकर जागरूक किया जा रहा है ताकि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले सभी श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा सके। बुधवार को केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के गांव रामपुरा में कैंप लगाकर असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। यह कैंप रविवार 28 नवंबर तक जारी रहेगा। डीएलसी गुरूग्राम आरके नैन ने श्रमिकों व मजदूरों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए जागरूक किया और योजनाओं के लाभ बताए।
यूनिक आई-कार्ड बनने उपरांत होंगे ये लाभ
यूनिक आईडी कार्ड बनते ही इन असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिलेगा। इसका एक साल का खर्च भी सरकार स्वयं ही वहन करेगी। असंगठित श्रमिक किस वर्ग से है का खाका तैयार करने के बाद सामाजिक सुरक्षा योजनाएं जोकि मंत्रालय और सरकार द्वारा चलाई गई जा रही हैं, का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
श्रमिकों की विभिन्न गतिविधियां होंगी ट्रैक, आपदा के समय पहुंचाई जा सकेगी मदद
यूनिक आई-कार्ड के माध्यम से श्रमिकों की विभिन्न गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में जा रहे हैं को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक तक आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी। सरकार रोजगार के अवसर भी सृजित कर सकेगी, साथ ही यदि कहीं किसी विशेष वर्ग के श्रमिकों की जरूरत होगी तो इसी यूनिक आईडी के माध्यम से इन लोगों को सूचित भी कर दिया जाएगा।