आज तक हुए हेलिकॉप्टर क्रैशो में 50 फिसदी पायलेट की कमी मिली, जानिए कैसे
दिल्ली: विमान हादसा कभी भी एक गलती से नहीं होता। एयरक्राफ्ट क्रैश एक साथ की गई कई गलतियों का नतीजा होता है। इसे CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर कई लोगो ने विचार दिए है।
एक साथ कई गल्ती से होता है क्रेश:
मान लीजिए कि एयरक्राफ्ट उड़ाते वक्त पायलट ने नींद की एक झपकी ले ली या कोई छोटी गलती हो गई। सिर्फ इतने से विमान क्रैश नहीं होते। इसी तरह सिर्फ खराब मौसम, कोई टेक्निकल प्रॉब्लम या विमान के किसी एक इंजन में खराबी की वजह से भी विमान क्रैश नहीं होती। स्विस चीज मॉडल कहता है कि ये सारी गलतियां जब एक साथ होती हैं तब विमान क्रैश होते हैं।
इन वजहों से हो सकता है CDS रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश
CDS बिपिन रावत के विमान हादसे से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भरता दिख रहा है। साथ ही आसमान में काफी कोहरा है। ऐसे में खराब मौसम और तय उंचाई से नीचे गलत रूट पर उड़ान भरना भी हादसे की वजह हो सकती है। इन सभी सवालों के जवाब तो जांच के बाद ही मिलेंगे।
हेलिकॉप्टर क्रैश का मामला:
CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश में एक साथ कई फैक्टर शामिल हो सकते हैं। मसलन- खराब मौसम, पायलट की गलती, टेक्निकल गड़बड़ी। इन सभी के कॉन्बिनेशन की वजह से ये हादसा होने की संभावना है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस हादसे की वजहों का खुलासा नहीं किया गया है। एयर फोर्स ने ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। सरकार ने ट्राई सर्विस इंक्वायरी के आदेश दे दिए हैं।
फ्लाइट का कौन-सा स्टेज है सबसे खतरनाक?
रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ान भरने के समय 8% विमान हादसे के शिकार होते हैं, जबकि उड़ान भरने से पहले रनवे पर टेक ऑफ के समय 13% विमान हादसे के शिकार होते हैं। साथ ही 17% मामले में विमान जब ऑल्टीट्यूड पर सबसे तेज गति में होता है, तब हादसे के शिकार होते हैं। विमान हादसे के 38% मामले फाइनल अप्रोच यानी लैंडिंग के समय होते हैं। वहीं, 24% विमान उड़ान भरने के बाद आसामान में स्ट्रेट होने के समय (क्रूसी) हादसे के शिकार होते हैं।
विमान हादसों से जुड़े कुछ कॉमन ट्रेंड्स…
एडमिनिस्ट्रेटिव गलतियों से होते हैं सुबह के ज्यादातर हादसे
रिसर्च में यह मिला है कि सुबह के समय ज्यादातर विमान हादसे एडमिनिस्ट्रेटिव गलतियां के कारण होते हैं। यह समय एयर क्रू और पायलट के लिए नाश्ते का समय होता है और विमान ऑपरेट करने से उनका ध्यान भटकता है। जांच में यह भी मिला है कि सही से कमांड रूम से कांटेक्ट नहीं हो पाने या फिर साफ-साफ कमांड नहीं मिल पाने और फॉलो नहीं किए जाने की वजह से भी हादसे होते हैं।
टेक्निकल गड़बड़ी भी है विमान हादसों की बड़ी वजह
किसी विमान हादसे की एक मुख्य वजह टेक्निकल भी है। टेक्निकल खामी को एक्सपर्ट दो हिस्से में बांटते हैं। एक मानवीय गलतियों की वजह से होने वाले एक्सीडेंट और दूसरा विमान में होने वाला टेक्निकल डिफेक्ट है। मानवीय भूल किसी विमान के उड़ान भरने से पहले सही से जांच नहीं होने की वजह से होता है। वहीं, टेक्निकल डिफेक्ट विमान के बेसिक डिजाइन या सिस्टम में किसी तरह की खामी की वजह से होता है। 2019 में बोइंग 737 हादसे में भी इसी तरह के टेक्निकल खामी की बात सामने आई थी।
पायलट की गलती से होते हैं 50 फीसद विमान हादसे
एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसद विमान हादसे की वजह पायलट एरर है। इनमें कई ऐसे मामले हैं, जिसमें एक्सपर्ट पायलट होने की स्थिति में किसी छोटे एडमिनिस्ट्रेटिव और टेक्निकल खराबी के बावजूद विमान हादसे को रोका जा सकता था। 20% मामले में विमान के मशीनों में खराबी की वजह से हादसे होते हैं। जबकि 10% मामले में मौसम की खराबी की वजह से हादसे हुए हैं।