हरियाणा: सुनील चौहान। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 3 नए खेती कानूनी को वापस लेने के ऐलान के बाद भी किसानों की अभी घर वापसी नहीं होगी। किसान 26 नवंबर को बॉर्डर पर ही आंदोलन के एक साल पूरे होने पर बरसी मनाएंगे। इतना ही नहीं इस दिन बॉर्डर पर किसानों की बड़ी भीड़ एकत्रित करने की बात भी किसान संगठन की तरफ से की गई है। वहीं दूसरी तरफ आंदोलन को समर्थन कर रही राठी खाप ने प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया है। इसके साथ ही किसानों से घर वापस जाने की अपील भी की गई है।
टीकरी बॉर्डर पर मोर्चा संभाले भारतीय किसान यूनियन एकता डकोंदा के प्रधान बूटा सिंह ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर रविवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में प्रधानमंत्री के ऐलान पर विचार किया जाएगा। आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा, क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा की कई और डिमांड पेडिंग हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून शामिल है। किसान एमएसपी पर बनने वाली कमेटी को टाइम बाउंड करवाना चाहते हैं। इसके अलावा आंदोलन के वक्त किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर पर यादगार स्थल और उन्हें मुआवजे देने की मांग भी शामिल है।
किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि 26 नवंबर को किसान आंदोलन को पूरा एक साल हो रहा है। पहले से ही संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कार्यक्रम घोषित किया गया है। इस दिन दिल्ली के सभी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान जुटेंगे और आंदोलन की बरसी मनाई जाएगी।
राठी खाप ने घर वापसी की अपील की
इधर आंदोलन में शामिल राठी खाप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीनों कानूनों को वापस के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही उनका पीएम मोदी का धन्यवाद करते हुए किसानों से घर वापसी करने की अपील की गई है। राठी खाप के प्रधान रणबीर राठी ने कहा कि प्रधानमंत्री की हर बात पर भरोसा है।
एमएसपी पर जल्द से जल्द कमेटी बननी चाहिए और कमेटी की रिपोर्ट भी जल्दी आनी चाहिए। बता दें कि राठी खाप ने आंदोलन में शामिल होकर किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाया और टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल किसानों के लिए भंडारा भी लगाया हुआ है।